बचपन से हम ऐसी बहुत सारी सामाजिक प्रथा और नियमों का पालन करते आ रहे हैं जिसके बारे में हमें कुछ मालूम नहीं होता हे ৷ मतलब मानने वाली सामाजिक प्रथा और नियम कानून क्यों हाम पालन कर रहा है, उसका जवाब हमारे पास नहीं होता है ৷ मां-पिताजी दादा-दादी या तो अन्य किसी को भी मानने वाली प्रथाओं का कारण पूछते हैं तो एक ही जवाब आता है 'मनना जरूरी है' ৷ क्यों जरूरी है, ए सवाल हम नहीं पूछते और इसके कारण ऐसी बहुत सारी प्रथा हम अंधविश्वास के आधार पर पालन करते आ रहे हैं ৷
मैं, आज आपके सामने 'Story Of Law' ब्लॉग से ऐसी ही कुछ अंधविश्वास का खुलासा करने जा रहा हूं ৷ आशा करते हैं कि ए आर्टिकल पढ़ने के बाद अगर आपको कोई पूछे कि बिल्ली रास्ता काटने के बाद क्यों आपको रुखना चाहिए, इसका जवाब आप सही ढंग से दे सकोगे |
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आमतौर पर हम बिल्ली रास्ता पार होने के बाद या तो आप पैदल चल रहे हो, गाड़ी में हो या कहीं पर भी आप उस रेखा के आगे (जो रेखा बिल्ली रास्ता के ऊपर छोड़ गया है) आप रुक जाते हो ৷ इंतजार करने लगते हो कि जब तक कोई दूसरा रेखा पार नहीं करता आप भी नहीं करोगे ৷ और ठीक उसी तरह दूसरा भी तीसरे के इंतजार में रहता है ৷ और रही बात अगर आप किसी भी जॉब इंटरव्यू या शादी विया, इस तरह के मंगल काम में जा रहे हो तो खैर नहीं ৷ उस बिल्ली को हजारों गालियां पढ़ते हैं 😁৷ क्योंकि बिल्ली रास्ता पार करने को हम
अमंगल कहते हैं ৷ लेकिन क्या आप जानते हो कि हकीकत में ऐसी अमंगल की कोई बात ही नहीं है ৷
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एक समय Europe में बहुत सारी देशों में, हर घर में बिल्ली को पाला जाता था और एतो हम जानती है कि घर में अगर कुत्ता बिल्ली हो तो उसके साथ बच्चे भी शौक से खेलते हैं ৷ कभी-कभी ऐसा होता था कि विल्ली अचानक घर से निकलके रास्ता के एक पार से दूसरे पार चली जाती थी और पीछे पीछे बच्चे भी रस्ते में आ जाती थी और इसके कारण बहुत सारे बच्चे जान गवा बैठे ৷ वहीं देखते हुए प्रशासन ने उस देश में नियम बना दिया, जब भी बिल्ली रास्ता cross करती है तो, आप जितनी भी जल्दी में हो आपको रुकना है ৷ अंग्रेजों ने सरकार का वरं नियम बखूबी से निभाया ৷ और वही ब्रिटिश जब हमारे देश में आए तो घर में बिल्ली पालने क शौक तो था ही, लेकिन उन्होंने देखा कि जो Europe में होते थे वहीं भारत में भी होने लगे ৷
यानीकि विल्ली का रास्ता पार होना और उसके साथ बच्चे भी रास्ते में आ जाना ৷ तब अंग्रेजों ने Europe जैसे दुर्घटना के हाथ से बचने के लिए भारत में भी वही कानून बना दिया ৷ वही देखते हुए हम भी सीखने लगे ৷ लेकिन हमने कानून के हिसाब से नहीं बल्कि अंधविश्वास के सहारे सीखा ৷
Health Tips & Knowledge www.physiqueluster.com
ए एक बहुत मूल्यवान बाद आप अपने, अपनों के साथ शेयर जरूर कीजिएगा ৷ धन्यवाद ৷
(Note: Data collect অসমীয়া ৰিপ'র্টাৰ magazine, Jan-2010)
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आमतौर पर हम बिल्ली रास्ता पार होने के बाद या तो आप पैदल चल रहे हो, गाड़ी में हो या कहीं पर भी आप उस रेखा के आगे (जो रेखा बिल्ली रास्ता के ऊपर छोड़ गया है) आप रुक जाते हो ৷ इंतजार करने लगते हो कि जब तक कोई दूसरा रेखा पार नहीं करता आप भी नहीं करोगे ৷ और ठीक उसी तरह दूसरा भी तीसरे के इंतजार में रहता है ৷ और रही बात अगर आप किसी भी जॉब इंटरव्यू या शादी विया, इस तरह के मंगल काम में जा रहे हो तो खैर नहीं ৷ उस बिल्ली को हजारों गालियां पढ़ते हैं 😁৷ क्योंकि बिल्ली रास्ता पार करने को हम
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एक समय Europe में बहुत सारी देशों में, हर घर में बिल्ली को पाला जाता था और एतो हम जानती है कि घर में अगर कुत्ता बिल्ली हो तो उसके साथ बच्चे भी शौक से खेलते हैं ৷ कभी-कभी ऐसा होता था कि विल्ली अचानक घर से निकलके रास्ता के एक पार से दूसरे पार चली जाती थी और पीछे पीछे बच्चे भी रस्ते में आ जाती थी और इसके कारण बहुत सारे बच्चे जान गवा बैठे ৷ वहीं देखते हुए प्रशासन ने उस देश में नियम बना दिया, जब भी बिल्ली रास्ता cross करती है तो, आप जितनी भी जल्दी में हो आपको रुकना है ৷ अंग्रेजों ने सरकार का वरं नियम बखूबी से निभाया ৷ और वही ब्रिटिश जब हमारे देश में आए तो घर में बिल्ली पालने क शौक तो था ही, लेकिन उन्होंने देखा कि जो Europe में होते थे वहीं भारत में भी होने लगे ৷
यानीकि विल्ली का रास्ता पार होना और उसके साथ बच्चे भी रास्ते में आ जाना ৷ तब अंग्रेजों ने Europe जैसे दुर्घटना के हाथ से बचने के लिए भारत में भी वही कानून बना दिया ৷ वही देखते हुए हम भी सीखने लगे ৷ लेकिन हमने कानून के हिसाब से नहीं बल्कि अंधविश्वास के सहारे सीखा ৷
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(Note: Data collect অসমীয়া ৰিপ'র্টাৰ magazine, Jan-2010)